Description
यह मस्तिष्क से संबंधित रोगों के लिए लाभकारी है।
It is beneficial for diseases related to the brain.
बाहरी उपयोग में लाने हेतु उपयोगी ( नासिका, आँख, कान, नाभि और मलद्वार में उपयोगी
1. इसे शरीर के सभी 5 छिद्रों में डाला जा सकता है
2. यह घृत में बने है अतः यदि जमा हुआ है तो बोतल को गर्म जल में डूबकर गुनगुना कर ले
3. नाक के दोनों छिद्रों में 2 से 3 बून्द डाल सकते है ( उपयुक्त समय सुबह 11 बजे और रात्रि शयन से पूर्व है )
4. कान में 2 से 3 बून्द डाल सकते है ( उपयुक्त समय रात्रि शयन से पूर्व डाल सकते है )
5. आँखों में 1 बून्द डाल सकते है ( उपयुक्त समय रात्रि शयन से पूर्व) ध्यान रखे कि गर्म न हो, वातावरण के तापमान पर पिघला ( तरल) हो
6. नाभि में 3 से 5 बूंद डाल सकते है, ( उपयुक्त समय रात्रि शयन से पूर्व)
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